रावण-प्रियंका की मुलाकात से बिफरीं हैं बसपा सुप्रीमो
– राजन प्रकाश | डिकोडिंग | 13-Mar-2019
भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर रावण के साथ प्रियंका की मुलाकात ने उत्तर प्रदेश में नई सुगबुगाहट को जन्म दिया है. आज प्रियंका रावण से मिलने पहुंची और उसकी खबर जैसे ही आई, अखिलेश के पास मायावती का फोन आया. अखिलेश उनसे मिलने भी पहुंचे. इस मुलाकात को विशेष समझा जा रहा है क्योंकि 14 मार्च यानी गुरुवार को मायावती अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा करने वाली हैं. नामों को अंतिम रूप दिया जा रहा है उससे पहले मायावती का अचानक अखिलेश से मिलने के कई राजनीतिक संकेत हैं.
गठबंधन ने फैसला किया था कि वह सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ रायबरेली और अमेठी में प्रत्याशी नहीं उतारेगा. बदले में कांग्रेस ने भी हाल ही में घोषणा की कि वह मुलायम और डिंपल के खिलाफ प्रत्याशी नहीं देगी. लेकिन प्रियंका का चंद्रशेखर रावण के साथ मेलजोल मायावती को बहुत नागवार गुजरा है. कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्होंने अखिलेश को संकेत दे दिया है कि वह इन दोनों सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेंगी. अखिलेश फिलहाल उन्हें मनाने की कोशिशें कर रहे हैं.

दरअसल मायावती और चंद्रशेखर दोनों ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाटव समाज से आते हैं. चंद्रशेखर को जाटव समाज के कुछ पूर्व नौकरशाहों और बुद्धिजीवियों द्वारा अप्रत्यक्ष समर्थन मिलता रहा है. मायावती अपने पक्के वोटबैंक में सेंधमारी नहीं चाहतीं. उन्होंने चंद्रशेखर को न्योता दिया था कि वह बसपा में शामिल होकर दलितों के लिए काम करें लेकिन वह इसके लिए माने. योगी सरकार द्वारा रासुका में जेल में बंद किए जाने के दौरान भी चंद्रशेखर ने मायावती पर इशारों इशारों में तंज कसा था. इसलिए मायावती चंद्रशेखर रावण और उनके संगठन को बिल्कुल पसंद नहीं करतीं. उनके किसी भी नेता से मिलने से वह साफ तौर पर मना कर चुकी हैं. योगी सरकार द्वारा चंद्रशेखर को समय से पहले जेल से छोड़ने को भी मायावती के लिए मुश्किलें खड़ी करने के प्रयास के तौर पर देखा गया था.
बताते चलें कि चंद्रशेखर को मंगलवार को पुलिस ने सहारनपुर में आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में हिरासत में लिया है. हिरासत में लेने के बाद उन्होंने खराब तबीयत की शिकायत की तो उन्हें मेरठ अस्पताल में भर्ती कराया गया.
